राष्ट्रभक्ति की शक्ति दिखाना|
साथ-साथ सब दीप जलाना||
मौन द्वन्द मन का सब तोड़ो|
तेरा - मेरा करना छोड़ो ||
जाति मनुज सर्वोपरि होई|
राष्ट्र - धर्म से बड़ा न कोई||
हिन्द-सिन्धु की शक्ति दिखा दो|
अन्तहीन विश्वास जगा लो||
आपस के मन-भेद मिटाकर |
रखना द्वारे दीप जलाकर ||
अन्धकार को दूर भगाना|
साथ - साथ सब दीप जलाना||
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
संकट में है देश हमारा|
आज पुकारे भाई-चारा||
मदद करो जो जहाँ कहीं है|
राजनीति का समय नहीं है ||
देरी और नहीं अब अच्छी |
मिल सुलझा लो जीवन लच्छी||
तुम्हें शपथ है राष्ट्र-धर्म की|
लज्जा रखना मनुज कर्म की||
भेदभाव के कीट मिटाना|
साथ - साथ सब दीप जलाना||
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
दीप जलाना अपनेपन का|
दीप जलाना मन से मन का||
अंधकारमय शत्रु सयाना|
बड़ी चुनौती इसे हराना||
किन्तु हराना आज इसे है|
वही बढ़ेगा , दर्द जिसे है||
जीतेंगे हम ,मन में पालो|
महायज्ञ है , आहुति डालो||
दीप जलाकर द्वार सजाना |
साथ-साथ सब दीप जलाना ||
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
दीप जला परिवार निहारो|
मुखिया बनकर स्वयं विचारो||
क्या करना है? संकट भारी|
मिलकर करनी है तैयारी ||
शुभचिंतक जो बना हमारा|
कब नदिया से दूर किनारा ||
तन-मन का सब तिमिर हरेगा|
आशाओं का दीप जलेगा||
निर्भय हो संकल्प उठाना|
साथ-साथ सब दीप जलाना ||
©दिलीप कुमार पाठक "सरस"
संस्थापक
विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत
4/4/2020~8384895032
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