◆कली छंद◆
विधान~
[भगण भगण भगण+लघु गुरु]
(211 211 211 12
11वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]
हे कमलापत जू उर बसौ।
दोष निवारि सुधा सुर लसौ।।
भाँति अनेक पुकारत जना।
"सोम"स्वरूप सुधारत मना।।
~शैलेन्द्र खरे"सोम"
◆हारिणी छंद◆विधान~ [जगण जगण जगण+लघु गुरु](121 121 121 12)11वर्ण, 4 चरण[दो-दो चरण समतुकांत]अनेक प्रकार विधान...
◆कली छंद◆विधान~[भगण भगण भगण+लघु गुरु](211 211 211 1211वर्ण,4 चरणदो-दो चरण समतुकांत]हे कमलापत जू उर बसौ।दोष निवारि ...
◆मनहरन छंद◆विधान~[नगण सगण रगण रगण रगण](111 112 212 212 21215वर्ण,4 चरणदो-दो चरण समतुकांत]नित नमन मातेश्वरी कंठिका&...
◆वंशस्थ छंद◆विधान~[ जगण तगण जगण रगण](121 221 121 212)12वर्ण,4 चरणदो-दो चरण समतुकांत]अनीत होते मत आप दे...
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