दीप आओ जलाएं,हम कोरोना भगाएं।
आ गया है जो संकट,हम उसको मिटाएं।
घर के रहकर सजग,देना मात हमें।
हो सेनेटाइज इसमें,देना साथ हमें।
दाल कोरोना की,न अब गल पाएगी,
हर मदत हाथों में,हाथ देना हमें।
हम-वतन से मोहब्बत,चलो हम निभाएं।
आ गया है जो संकट,हम उसको मिटाएं।
कहती सरकार जो,उसका पालन करें।
दूरी सामाजिक,उसका अनुपालन करें।
स्वच्छता रखना है,ये समाधान है,
आओ जीवन में,हम अनुशासन करें।
मिटे बीमारी ये,हर कदम हम उठाएं।
आ गया है जो संकट,हम उसको मिटाएं।
मास्क पहनें सभी,घर में ही हम रहें।
मन में रख धैर्य, विचारों से सम रहें।
ज़ंग कोरोना भयावह,बचें यत्न कर,
ताकि कल खुशियां हो,आंखें न नम रहें।
करना पालन नियम,आओ सबको बताएं।
आ गया है जो संकट,हम उसको मिटाएंं।
**************************
प्रदीप ध्रुवभोपाली,भोपाल म.प्र.
दिनांक.05/04/2020
मो.09589349070
**************************
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे
भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400