महाराणा प्रताप भारत का परमवीर बलिदानी ।
दुश्मनों को मारा था लेकर नाम जय माँ भवानी ।।
चले राणा का चेतक सामने कोई रुक न सका ।
चली तेज तलवार तो गद्दार कोई टिक न सका ।।
अकबर ने खेली थी चाल हल्दीघाटी के मैदान ।
राजपूत, मनला दिये थे, धोखा युद्ध के दौरान ।।
कई हजार मुगलसेना से लोहा लिया था प्रताप ।
उठा भाला भोंगे तो अकबर का बड़ा रक्तचाप ।।
देशहित के लिए कभी जीते जी संधि नही की ।
वीरयोद्धा महाराणा ने गद्दारों को धूल चटा दी ।।
जिसने माटी की रक्षा से कभी सौदा नही किया ।
ऐसा महान प्रतापी राजा वीर भूमि को जिया ।।
देशभक्त महाराणा जैसा दूसरा प्रताप नही हुआ ।
हल्दी घाटी का युद्ध मानों महाभारत युद्ध हुआ ।।
घास की रोटी खाकर भी देश के लिए लडते रहे ।
युद्ध के बाद अकबर की आँखों से भी आँसू बहे ।।
विकास भारद्वाज
बदायूँ
23 अप्रेल 2020
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