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मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

ग़ज़ल :- यादों के साये ज़िन्दगी ग़ुज़ार लेंगे हम- प्रदीप ध्रुव


यादों  के  साये  ज़िन्दगी  ग़ुज़ार  लेंगे हम।
पहले  जो  हो  गई  ख़ता  सुधार  लेंगे हम।-01

उनपे  दीवानगी   हुई  बेइंतहा  मुझे,
चाहत  है  उनका  प्यार  भी  उधार लेंगे  हम।-02

आवारगी  है  हिज़्र  में  हम  बेखबर हुए,
यादों  में  आपके  ये  दिन  ग़ुज़ार  लेंगे हम।-03

तनहाइयाँ  तो  ज़िन्दगी  में  हमसफ़र   हुईं,
यादों  में  उनका  अक्स  भी  उतार लेंगे  हम।-04

मुमकिन  भले  आसाँ  नहीं  सब बेशुमार  हो,
मंज़िल  न  आए  हाँथ  में  बिसार  लेंगे  हम।-05

ग़ुमनाम  अपनी  ज़िन्दगी  जो  अब  तलक  रही,
कुछ  फूल  भी  रखें  उधार  ख़ार  लेंगे हम।-06

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कवि शायर प्रदीप ध्रुवभोपाली,
भोपाल,दिनाँक.10/06/2019
मो.9893677052/9589349070
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