पग पग चहुँ ओर, पंछी करते हैं शोर ।
खुश इन्हें देख मेरी, आँख भर आई है ।।
अच्छे लगते हैं गाँव, नीम पीपल की छाँव
प्रकृति का ये श्रृंगार, क्या बहार छाई है ।।
मतभेद मिटा अब, मन से ही जुड़े सब
कोरोना ने सबको ये, बात सिखलाई है।
प्यारे हिंदुस्तान जैसा, और न वतन कोई
दुनिया में इसकी चमक लौट आई है ।।
खुशबू
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