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बुधवार, 8 अप्रैल 2020

ग़ज़ल :- तेरा ख्याल मुझे बेक़रार करता है - डा नसीमा निशा

तेरा ख्याल मुझे बेक़रार करता है ,
तुझे ही देखूं ,ये दिल बार -बार  करता है l

मेरा भी नाम लिखा जाये खुशनसीबो में ,
मेरा भी कोई कहीं इंतज़ार करता है l

ज़मीर बेचके ज़िंदा कहाँ रहा है कोई ,
जहाँ में झूठ का क्यों कार बार करता है l

तू अपने दिल की तमन्ना को रोक ले दिल में ,
मेरे लिए क्यों खुदी को बीमार करता है l

किसी की याद में उठते हुए समंदर को ,
हमारा दर्द 'निशा 'रोज़ पार करता है l

डा.नसीमा निशा

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