◆प्रहरणकलिका छंद◆
विधान~
[ नगण नगण भगण नगण+लघु गुरु]
(111 111 211 111 12)
14 वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]
गणपति गिरिजा सुअन सुमिरिये।
चरण कमल वंदन नित करिये।।
सुमिरत गजनायक प्रथम जबै।
सहजहि शुभ कारज सुफल सबै।।
~शैलेन्द्र खरे"सोम"
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