लगता है।।
राब्ता अपना दुआओं का असर
लगता है।।
जाने क्यों तुझको मुझे खोने का डर
लगता है।।
बज्म मैं इक भी मिसरा ये नहीं
कह पाता।।
है तो शायर ये मगर कितना डंफर
लगता है
अभिषेक जैन पथारिया दमोह मध्य प्रदेश
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