वज़्न-1222-1222-1222,
मफाईलुन, मफाईलुन, मफाईलुन.
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खुशी का कोई लम्हा याद रखना है।
नहीं दिल में कोई फ़रियाद रखना है।-01
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खुशी के और भी मौके मिलें शायद,
अमानत यार की आबाद रखना है।-02
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कहीं पे डूबकर यादें सहेजेगे,
हमारी दोस्ती नाबाद रखना है।-03
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भले हो गैर पर इतना मगर करना,
करे नेकी तो दिल से दाद करना है।-04
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ख़बर मनहूसियत की ना सुनाए वो,
वज़ह ये है उसे तो शाद करना है।-05
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सुखाकर खूं वो लिखता शायरी इससे,
हमारा फ़र्ज़ है इरशाद करना है।-06
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शहीदी का जिसे जामा मिला होगा,
तहेदिल से कि ज़िंदाबाद करना है।-07
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★★★ ★★★ ★★★ ★★
स्वरचित,कापीराइट,ग़ज़लकार,
प्रदीप ध्रुवभोपाली,भोपाल,म.प्र.
दिनाँक.09/01/2020
मो.09589349070
★★★ ★★★ ★★ ★★★
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