बवंडर लग रहा होगा ये इम्तेहान थोड़ी है।
उसे भी तो पता होगा कि वो नादान थोड़ी है।-01
*
हुआ था कल जो बंटवारा उसी का है नतीज़ा ये,
हमारा है रहेगा भी ये पाकिस्तान थोड़ी है।-02
*
बहाकर खूं मिला हमको शहीदों की अमानत ये,
ये हिन्दोस्ताँ हमारा लूट का सामान थोड़ी है।-03
*
वहम कोई नहीं पाले मिलेगा एक क़तरा भी,
न मुमकिन है किसी हालात पे आसान थोड़ी है।-04
*
किसी फ़िरकापरस्ती से दफ़ा इक मुल्क़ बंट जाए,
जो पूरा हो सके ऐसा कि ये अरमान थोड़ी है।-05
*
किसी शैतान का पैगाम तामीली में आ जाए,
जहां मे ये नहीं मुमकिन भी वो भगवान थोड़ी है।-06
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स्वरचित,कापीराइट,ग़ज़लकार,
दिनाँक.25/12/2019
मो.09589349070
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