न करना।।
दिल के करीब ये कभी आजाद
न करना।।
ये इश्क है इसको कभी अखबार
न करना।।
वो काम का बंदा है अभी काम
बहुत है।।
ये रोग लगाकर उसे बेकार
मत करना।।
अभिषेक जैन पथारिया
दमोह मध्य प्रदेश
दमोह मध्य प्रदेश
न करना।। दिल के करीब ये कभी आजाद न करना।। ये इश्क है इसको कभी अखबार न करना।। वो काम का बंदा है अभी काम बहुत है।। ये रोग लगाकर उसे बेकार मत...
गुलाबी जाम से ज्यादा , गुलाबी होठ कर दूंगा.....मुझे ना चूमना देखो , तुम्हें बेहोश कर दूंगा.....नशा कितना है मुझमें प्यार...
मुक्तकज़िन्दगी का मजा नहीं खोना है....दिल्लगी इक सजा नहीं रोना है....कैसा है ये नशा मोहब्बत का...आपसे अब जुदा नहीं होना है.......
नहीं यारों मेरी आदत किसी से इश्क करने की.....मगर इस दिल की हैं चाहत किसी से इश्क करने की.....यहां ...
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