मेरे दिल में ये मुहब्बत सी खिली जाती है।
तेरे आने की जो उम्मीद जगी जाती है।।
हिज़्र में आपकी यूँ हाल हुआ है दिलबर
दिल तड़पता है मेरा, सांस रुकी जाती है।।
जानती हूँ नहीं तुम पास मेरे आओगे
मेरी उम्मीद तुम्हारी ही गली जाती है।।
पूछने आओगे क्या हाल है तुम्हारे बिन
मेरी आँखें तुम्हारी राह तकी जाती है।।
दूर "खुशबू" से तुम हुए को क्यों बताओ न
और तन्हाई मुझसे अब न सही जाती है।।
खुशबू
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