हमें चलना संग सभी के,
पर इतिहास भी रखना याद हमें।
हम आंखें मूंद चलें नहीं अब,
नहीं होना फिर बर्वाद हमें।
*
हम भाईचारा रखेंगे पर,
पर नीयत पर चौकस होंगे।
कहता इतिहास भरोसा कर,
फिर मरने को बेवश होंगे।
इतिहास वो जौहर का अब भी,
हर पल आता है याद हमें।
हम आंखें मूंद चलें नहीं अब,
नहीं होना है बर्वाद हमें।-01
*
हर चाल विफल कर देंगे हम,
खोटी नीयत को हराएंगे।
जो मानवता के दुश्मन हैं,
प्रण प्राण से जुट के मिटाएंगे।
संहार करेंगे दुश्मन का,
अब करना नहीं फरियाद हमें।
हम आंखें मूंद चलें नहीं अब,
नहीं होना है बर्वाद हमें।-02
*
वो फूट करेंगे आपस में,
नहीं फंसना हमको चालों में।
संहार करेंगे मिलकर हम,
ताक़त है बहुत दिलवालों में।
बर्वाद करेंगे दुश्मन को,
भारत करना आबाद हमें।
हम आंखें मूंद चलें नहीं अब,
नहीं होना है बर्वाद हमें।-03
*
ये झूठे भाईचारे के,पैगाम
न अब चल पाएंगे।
हम देश के हित में चाल चलें, दुश्मन सारे हिल जाएंगे।
ये सुन लें खोल के कान सभी,
करना हिंद ज़िंदाबाद हमें।
हम आंखें मूंद चलें नहीं अब,
नहीं होना है बर्वाद हमें।-04
*
तुम झूठ के राग अलापो मत,
भारत के हित में काम करो।
जयचंद हमारे नज़रों में,
उनका तो बुरा अंज़ाम करो।
अंज़ाम करेंगे हम तो अब,
नहीं करना अब फरियाद हमें।
हम आंखें मूंद चलें नहीं अब,
नहीं होना है बर्वाद हमें।-05
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प्रदीप ध्रुवभोपाली भोपाल म.प्र.
दिनांक.10/04/2020
मो.09589349070
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