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शनिवार, 11 अप्रैल 2020

अनन्द छंद - गुनौ सदा गुणानुवाद कृष्णचंद के - शैलेन्द्र खरे"सोम"

◆अनन्द छंद◆
विधान~[ जगण रगण जगण रगण+लघु गुरु]
(121   212   121  212 12)
14 वर्ण,4 चरण,
दो-दो चरण समतुकांत]

गुनौ   सदा   गुणानुवाद  कृष्णचंद के।
बसाय लीजिये  मनै  जु  लाल नंद के।।
सुयोग  है सुभीत  चित्त को सुधार लो।
अतीव"सोम" भाय रूपको निहार लो।।
                                 ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

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