नन्ही कली आंगन में खिलने दो,
खुशिओँ के एहसास को बांटने दो,
जमीँ से आकाश तक फैला है कहानी,
दुनिया में वजूद उस का चलने दो ||
❣❣❣❣❣❣
प्यारी गुड़िया सयानी होने दो,
दुनिया की उजाले देखने दो,
खुद उजाला दे कर बिखर जायेगी,
मन की पखोँ से उसे भी उड़ने दो |
❣❣❣❣❣❣
बेटी से ही संसार उसे सम्मान दो,
बेटा जैसा पाले एक सा हक दो,
न समझो आज अवला कमजोर उसे,
कदम से कदम मिला के चलने दो |
❣❣❣❣❣❣
महकती फुल है न तोडने दो,
मधुर गीत है कानो मे गुंजने दो,
रंग वो भर देगी दुसरोँ के जीवन मे,
दिल से उसे अपना बनने दो |
❣❣❣❣❣❣
शान है बेटी कोख में पलने दो,
है जरुरत उस की दुनिया में आने दो,
भले ही हर किसी का चाहत है बेटा,
दुनिया में बेटी को भी आगे चलने दो |
✍🏻 सुदिप्ता बेहेरा,दीप्त
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे
भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400