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गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

इक तो ये आसमां का सिरा मिल नही रहा - चराग़ शर्मा

इक तो ये आसमां का सिरा मिल नही रहा ।
ऊपर से हौसला भी मेरा हिल नही रहा ।
Ik to ye aasmaaN ka sira mil nhi rha
Ooper se hausla bhi mira hil nhi rha

उस बेवफ़ा पे कर ही लिया फिर से ऐतबार,
मैं अपने ऐतबार के क़ाबिल नही रहा ।
Us bewafa pe kar hi liya phir se aitbaar
Main apne aitbaar ke qaabil nhi rha

ख़ंजर में धार कम है ,गुलों में निखार कम
उसकी नज़र का कोई बदल मिल नही रहा ।
Khanjar me dhaar kam hai,guloN me nikhaar kam
Uski nazar ka koi badal mil nhi rha

ज़ख्मों ने और ज़ख्मों को दी ही नही जगह,
मुश्किल सफ़र से लौटना मुश्किल नही रहा ।
ZakhmoN ne or zakhmoN ko di hi nhi jagah
Mushkil safar se lautna mushkil nhi rha

तुम भी चराग़ रुख़ करो दफ़्तर का ,जब उसे
ज़ुल्फ़ें संवारने का समय मिल नही रहा ।
Tum bhi charagh rukh kro daftar ka , jb use
ZulfeN sanwaarne ka samay mil nhi rha

- चराग़

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