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मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

ग़ज़ल :- तुम्हारे दिल का करार हम हैं हमारे दिल का करार तुम हो - सना परवीन

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तुम्हारे दिल का करार हम हैं हमारे दिल का करार तुम हो ।
इसी से दिल में खुशी बसी है ,हमारे दिल पर निसार तुम हो ।।

हुआ मुकम्मल ये इश्क़ तुम से नहीं अधूरा कुई सफ़र है ,
लगा लु खुद को गले से तेरे पनाह तुम हो हिसार तुम हो।

सजा दे जुल्फ़ो को आज मेरी बना ले हमको हबीब अपना,
महकती सांसे बता रही हैं वो बाग तुम हो बहार तुम हो।

हमे मिली है ये नामवारी ये ऐश इशरत व ताजदारी ,
बता दूँ सारे जहाँ मे मैं वो नबाब तुम हो वकार तुम हो।

फ़जा कि रंगत बदल रही है तुम्हारी यादें सता रही हैं 
सना करे ये सना तुम्हारी वफ़ाए तुम हो ख़ुमार तुम हो ।

सना परवीन

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