1222 1222 1222 1222
ये बादल तुम पे बरसेंगे वफ़ा की बात जब होगी ,
कि गुजरेंगे खयालो से हम दिलो की रात जब होगी ।
तुम्हारे दिल में हम उतरेंगे वो रानाइया लेकर ,
धड़कती धडकने उस दम हमारे साथ जब होगी ।
अजी हमको यकी तुमपे तो खुद से भी जियादा है ,
चली आऊगी मैं दौड़ी तेरी आवाज़ जब होगी ।
सना कहती चले संग संग कि देखा कल किसी ने ना
गिरेगे अश्क आंखों से वो यादें याद जब होंगी ।
कभी डोली मेरे आगन लेकर तो आईये हमदम
बनूगी मैं तेरी दुल्हन शब-ए - बारात जब होगी l
सना परवीन
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