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हसींं खूबसूरत सितारे बहुत हैं ।
गुलाबी फ़िज़ा में नजारे बहुत हैं ।।
पलटकर के देखो जमाने में साहिब
हमारे सिवा भी तुम्हारे बहुत हैं।
न समझे मुझे तुम न मेरी मुहब्बत
किये मैने तुमको इशारे बहुत हैं।
गुलों की ये खुशबू डराती बहुत है
पड़े दिल पे मेरे शरारे बहुत हैं।
हुई हद है अब तो चले आओ दिल मे
बिना आपके पल गुजारे बहुत है।
झुका लो यहाँ सर जहाँ भी हो गलती
शहर में वली की मजारें बहुत हैं।
सना डर न जाना कहीं जंग में तुम
फतह कर मुहब्बत में हारे बहुत हैं।
सना परवीन
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