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गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

अब ये गुल गुलनार कब है? ख़ार है । बेकार है - चराग़ शर्मा

अब ये गुल गुलनार कब है? ख़ार है । बेकार है ।
आपने जब कह दिया बेकार है ।बेकार है ।

छोड़कर मतला, ग़ज़ल दमदार है , बेकार है ।
जब सिपहसालार ही बीमार है , बेकार है ।

इक सवाल ऐसा है मेरे पास जिसके सामने
ये जो तेरी शिद्दत-ए-इन्कार है ,बेकार है ।

यार हद है ! तुझको भी है ख़्वाहिशे दीदारे-माह,
इक दिए को रौशनी दरकार है ।बेकार है ।

मैकदे के मुख़तलिफ़ आदाब होते हैं चराग़
जो यहाँ पर साहिबे किरदार है , बेकार है ।

- चराग़

ab ye gul gulnar kb hai ?khaar hai .bekaar hai.
aapne jb keh diya ,bekaar hai ,bekaar hai.

chhodkar matla ,ghazal damdaar hai. bekaar hai.
jb sipahsaalaar hi bimaar hai ,bekaar hai .

ik sawal aesa hai mere paas jiske saamne ,
ye jo teri shiddat-e-inkaar hai ,bekaar hai .

yaar had hai ! tujh ko bhi hai khwahish-e-didaar-e-chaand ,
ik diye ko raushni darkaar hai . bekaar hai .

maikade ke mukhtalif aadaab hote hain charagh,
jo yahan pr sahib-e- kirdaar hai , bekaar hai .

- Chirag Sharma "charagh"

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