हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

रविवार, 5 अप्रैल 2020

यदि आज राम राजा होते, यदि होता अब-तक राम-राज - आदित्य तोमर

यदि आज राम राजा होते, यदि होता अब-तक राम-राज.
रावण के अधिवक्ता बनकर, उठते न कहीं फिर प्रश्न आज.
जनता न व्याभिचारी होती, शासक यदि होते धर्मनिष्ठ.
तब शिष्य राम से भी मिलते, यदि होते कोई गुरु वशिष्ठ.

दर्पण, अर्पण की मूर्तिमान छवि होते हैं शासक, गुरुजन.
उनके ही बिम्ब झलकते हैं जनता में सच्चरित्रता बन.
वीरता-धीरता उनसे ही, सत्यता उन्हीं से फलती है.
जैसे चलते हैं ये दोनों, जनता भी वैसे चलती है.

यदि राजा कर्म-धर्म साधक, जनपालक, न्यायहितैषी हो.
प्रगति गति उसके शासन की क्या कहें भला फिर कैसी हो.
व्यापार फला-फूला रहता, जनता में भरता रोष नहीं.
धन-धान्य अतुल्य उपजते हैं खाली होते हैं कोष नहीं.

बादल भी उमड़-घुमड़कर नित जलराशि अपार लुटाते हैं.
हरियाकर हर्षाती धरती, धरती से मन हर्षाते हैं.
झरझर झर-झर बहते रहते, नदियों की धार नहीं रुकती.
स्वाभिमान के प्रश्नों पर जनता फिर कभी नहीं झुकती.

वैसे ही सच्चे गुरुओं से, गुरुता परिभाषित होती है.
शासक अनुशासित होते हैं, जनता अनुशासित होती है.
फिर गुरु का तो दायित्व नित्य शासक से कहीं अधिक होता.
गुरु का प्रभाव सदियों चलता, शासक का भले क्षणिक होता.

यह सृजन और संहार शक्ति उसके ही खेल अनूठे हैं.
है एकमात्र गुरु सत्य और सब दृश्य यहाँ के झूठे हैं.
जगती की ऐसी राह कौन, जिस पर पग पहले धरे नहीं.
क्या युद्धपंथ, क्या शान्तिमन्त्र, गुरु से तो कुछ भी परे नहीं.
आदित्य तोमर,
वज़ीरगंज, बदायूँ (उ.प्र.)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे

भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.