विषय~फल
गहराई में जल मिलता है |
एक सुनहरा कल मिलता है|
आज जरा कुछ करके देखें|
श्रम का खुद ही फल मिलता है ||
बड़े बड़े हैं प्रश्न घनेरे|
खड़े हुए हैं जब तब घेरे||
प्रश्न अगर है तो उत्तर भी|
हर सवाल का हल मिलता है||
श्रम का खुद ही फल मिलता है ~2
चलो भोर की करें बन्दगी|
आओ जी लें बची ज़िन्दगी||
हँस लें गा लें मस्ती कर लें|
पल पल कब यह पल मिलता है||
श्रम का खुद ही फल मिलता है ~2
सरस सरल है अन्तस् गहरी|
साहिल पर चंचल स्वर लहरी||
नवल कमल~सा दर्श तुम्हारा|
तुमसे ही तो बल मिलता है||
श्रम का खुद ही फल मिलता है~2
दिलीप कुमार पाठक सरस
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