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बुधवार, 1 अप्रैल 2020

नज़्म :- मुझसे बिछड़े हो कैसा लगता है - सत्यदेव श्रीवास्तव

मुझसे बिछड़े हो कैसा लगता है
याद आओ हमको अच्छा लगता है

सारी दुनिया से लड़ सकता हूँ मैं
तेरे बिन सब कुछ सूना लगता है

तुम भी वादे बहुत किये थे ना
सब देखो अब हमको सपना लगता है

जा रहा है वो छोड़कर तो जाये ना
मेरा रिश्ते मे कुछ नहीं लगता है

जिसकी खुशबू धड़कन से भी आये
वो रिश्ता मुझको सच्चा लगता है

हर किसी को मौका नही देता मै
अब तो तन्हा रहना बेहतर लगता है

       © सत्यदेव श्रीवास्तव

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