तन समर्पित मन समर्पित जीवन समर्पित ये सारा
हा एक जन्म मैने भी इस मातृभूमि पर वारा
हम खुशियो से सराबोर थे रण में शत्रु किये ढेर थे
सम्मुख समर में टिकता कौन हम भारत मां के शेर थे
शिथिल हुआ शरीर और खडिंत सारे सपने थे
पर हम क्या करते गद्दार हमारे अपने थे
बची लहूं की एक बूंद भी तब तक शत्रुओं को मारा
हा एक जन्म मैने भी इस मातृभूमि पर वारा
हमने अपने घर को छोड़ा था दुनिया से नाता तोड़ा था
सिर पर करता काल क्रन्दन फिर भी ना मुख को मोड़ा था
वक्ष हनी जब तेग कटारी याद रहा फिर राणा का घोडा था
अरि दल का करने विनाश फिर चेतक सम मै दौड़ा था
स्वदेश पर सर्वस्व लुटाया जो था प्राणो से प्यारा
हा एक जन्म मैने भी इस मात्रभूमि पर वारा
हमे खुशी मिलती है देश धर्म पर जान लुटाके
हमे खुशी मिलती है दुनिया में भारत का मान बढा़के
हमे रोष बहुत था आया खंजर जब अपनो के हाथो देखी
भाई था जिसको माना कटार पीठ पर उसने घोपी
मातृभूमि की सेवा हेतू सुत को भी अपने वारा
अब की व्यर्थ ना जाने देना तुम बलिदान हमारा
सत्यदेव श्रीवास्तव
हा एक जन्म मैने भी इस मातृभूमि पर वारा
हम खुशियो से सराबोर थे रण में शत्रु किये ढेर थे
सम्मुख समर में टिकता कौन हम भारत मां के शेर थे
शिथिल हुआ शरीर और खडिंत सारे सपने थे
पर हम क्या करते गद्दार हमारे अपने थे
बची लहूं की एक बूंद भी तब तक शत्रुओं को मारा
हा एक जन्म मैने भी इस मातृभूमि पर वारा
हमने अपने घर को छोड़ा था दुनिया से नाता तोड़ा था
सिर पर करता काल क्रन्दन फिर भी ना मुख को मोड़ा था
वक्ष हनी जब तेग कटारी याद रहा फिर राणा का घोडा था
अरि दल का करने विनाश फिर चेतक सम मै दौड़ा था
स्वदेश पर सर्वस्व लुटाया जो था प्राणो से प्यारा
हा एक जन्म मैने भी इस मात्रभूमि पर वारा
हमे खुशी मिलती है देश धर्म पर जान लुटाके
हमे खुशी मिलती है दुनिया में भारत का मान बढा़के
हमे रोष बहुत था आया खंजर जब अपनो के हाथो देखी
भाई था जिसको माना कटार पीठ पर उसने घोपी
मातृभूमि की सेवा हेतू सुत को भी अपने वारा
अब की व्यर्थ ना जाने देना तुम बलिदान हमारा
सत्यदेव श्रीवास्तव
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