यह सत्य है कि भारत आजाद हो चुका है।बदलते समय के साथ बहुत से परिवर्तन हुए लेकिन पुरातन रीति रिवाज आज भी हमारे देश मे व्याप्त हैं । नारी जो हमारे जीवन मे सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किंतु आज भी कही कही नारी को बराबर का सम्मान नहीं दिया जाता है। कन्या भ्रूण हत्या भी एक ऐसा कारण है जो इंगित करता है नारी की ओर।
आइये एक माँ ह्रदय से उपजे भाव को ह्रदय से समझने की कोशिश करें।
ये माना कि दुनिया ने माना नही
तभी मां भी कहती है आना नही
ये रिश्ते ये नाते ये रश्मों की बातें
हकीकत है क्या तुमने जाना नही।
है बेटों की चाहत दिलों में यहाँ
नही प्यार तुझको मिलेगा यहाँ
मुहब्बत की हसरत जगांना नही
हकीकत है क्या तुमने जाना नही।
तुझे तेरे हक न मिलेंगे कभी
बराबर में चलने न देंगे कभी
इन आँखों मे सपने सजाना नही
हकीकत है क्या तुमने जाना नही।
दौलत का लालच यहाँ है सभी को
लेना है सबको न देना किसी को
पिता को तेरे सर झुकाना नही
हकीकत है क्या तुमने जाना नही।
बन कर सवँर कर न चल पाएगी
गहन रातोँ में कैसे निकल पाएगी
दाग अस्मत पे तेरी लगाना नही
हकीकत है क्या तुमने जाना नही।
मैं माँ हूँ मुझे याद सब है जबानी
गुजरे हुए दौर की मैं निशानी
झूठ अब कोई तुझसे छुपाना नही
हकीकत है क्या तुमने जाना नही।
सना मेहनाज़
हरदोई
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