कल की ख़बरें पढ़ रही है आज के अख़बार में
Ab bhi ye masroof duniya sust hai raftaar me
Kal ki khabareN padh rahi hai aaj ke akhbaar me
एक घर की चार दीवारी में गुम हैं दो मकान
रोज़ ईंटें उग रही हैं पांचवी दीवार में
Aik ghar ki chaar deewari me gum hain do makaan
Roz iinteN ugg rahi haiN panchvi deewaar me
उस हसीं चहरे पे क़ाबिज़ ज़ुल्फ़ से लड़ना है तो
आइने से धार करिए धूप की तलवार में
Us haseeN chehre pe qaabiz zulf se ladna hai to
Aaine se dhaar kariye dhoop ki talwaar me
इनके अंदर मौत का डर डाल , ये मासूम लोग
सुनते आए हैं कि सब जाइज़ है जंग और प्यार में
Inke andar maut ka dar daal, ye masoom log
Sunte aaye hain ki sab jaaiz hai jung aur pyaar me
- Charagh
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