हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

अब भी ये मसरूफ़ दुनिया सुस्त है रफ़्तार में - चराग़ शर्मा

अब भी ये मसरूफ़ दुनिया सुस्त  है रफ़्तार में
कल की ख़बरें पढ़ रही है आज के अख़बार में
Ab bhi ye masroof duniya sust hai raftaar me
Kal ki khabareN padh rahi hai aaj ke akhbaar me

एक घर की चार दीवारी में गुम हैं दो मकान
रोज़ ईंटें उग रही हैं पांचवी दीवार में
Aik ghar ki chaar deewari me gum hain do makaan
Roz iinteN ugg rahi haiN panchvi deewaar me

उस हसीं चहरे पे क़ाबिज़ ज़ुल्फ़ से लड़ना है तो
आइने से धार करिए धूप की तलवार में
Us haseeN chehre pe qaabiz zulf se ladna hai to
Aaine se dhaar kariye dhoop ki talwaar me

इनके अंदर मौत का डर डाल , ये मासूम लोग
सुनते आए हैं कि सब जाइज़ है जंग और प्यार में
Inke andar maut ka dar daal, ye masoom log
Sunte aaye hain ki sab jaaiz hai jung aur pyaar me

- Charagh

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे

भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.