बहर- 2122, 1122 , 1122 ,22
दिल के हालात को दिलवर को सुनाया जाये ।
दिल हुआ खाक तो फिर छाऱ दिखाया जाये ।।
बेवजह हिचकियाँ यूँ ही न भरा करते है ।
याद करके न उन्हे और सताया जाये ।।
खामियां मत गिनना आज बहकते दिल की ।
तुम भी बहके तो थे हमसे न छुपाया जाये ।।
ये शराब पीता है बस याद भुलाने के लिऐ ।
इस शराबी को शराबी न बताया जाये ।।
प्यार इजहार किया चूँम के खत होठो से ।
जी़ तो करता उन्हे सीने से लगाया जाये ।।
मिन्नतें करते हुऐ भूल गये खुद को ही ।
आँशियां कोई नया और बसाया जाये ।।
प्यार पर लिखते गज़ल क्वा़फी ये उलझते है ।
काँफियाँ फिर से नया कोई बनाया जाये ।।
चाँदनी रात में देखा यूँ कई बार चमकते *साथी* ।
चाँद को चाँद से इक बार मिलाया जाये ।।
🌻🌻🌻🌻🌻508🌻🌻
कवि बृजमोहन श्रीवास्तव "साथी"डबरा
दिल के हालात को दिलवर को सुनाया जाये ।
दिल हुआ खाक तो फिर छाऱ दिखाया जाये ।।
बेवजह हिचकियाँ यूँ ही न भरा करते है ।
याद करके न उन्हे और सताया जाये ।।
खामियां मत गिनना आज बहकते दिल की ।
तुम भी बहके तो थे हमसे न छुपाया जाये ।।
ये शराब पीता है बस याद भुलाने के लिऐ ।
इस शराबी को शराबी न बताया जाये ।।
प्यार इजहार किया चूँम के खत होठो से ।
जी़ तो करता उन्हे सीने से लगाया जाये ।।
मिन्नतें करते हुऐ भूल गये खुद को ही ।
आँशियां कोई नया और बसाया जाये ।।
प्यार पर लिखते गज़ल क्वा़फी ये उलझते है ।
काँफियाँ फिर से नया कोई बनाया जाये ।।
चाँदनी रात में देखा यूँ कई बार चमकते *साथी* ।
चाँद को चाँद से इक बार मिलाया जाये ।।
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कवि बृजमोहन श्रीवास्तव "साथी"डबरा
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