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बुधवार, 8 अप्रैल 2020

हम चलि आये द्वार तुम्हार ~ दिलीप कुमार पाठक

चौपई छंद 🌹
विधान - चार चरण, प्रत्येक में १५ मात्राएं।
अंत गुरू एवं लघु।
दो दो चरण  समतुकांत।
😀🙏🏻😀🙏🏻😀
हम चलि आये द्वार तुम्हार|
खट खट करना कितनी बार||
ड्यूढ़ी पर चढ़ आयी साँझ|
कुण्डी खोलौ नैना आँझ||
नैना जाने क्यों लजियात|
अधरा बदरा से गरमात||
छूनी प्रेमभरी बरसात|
पुलकित होते मेरे गात||
होती जाने किससे बात|
सजते सजते हैं बतियात||
कुण्डी खोलत हैं सकुचात|
बीती जाती सारी रात||

©दिलीप कुमार पाठक 

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