हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

शनिवार, 4 अप्रैल 2020

मुक्तक :- प्रिये कुछ दूरियाँ रख्खो , कोरोना को मिटाना हैं - बृजमोहन श्रीवास्तव "साथी"

बहर- 1222*4

प्रिये कुछ दूरियाँ रख्खो , कोरोना को मिटाना हैं ।
सबक ये प्यार का पहला , अभी सबको सिखाना हैं ।।
मिटा देगें सभी दूरी , रुको इक्कीस दिन तक बस ।
खिलेंगे फूल पतझड़ में , जमाने को बताना हैं ।।

🌻🌻🌻🌻587🌻🌻🌻
कवि बृजमोहन श्रीवास्तव "साथी"डबरा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे

भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.