किसी को राह ने मुश्किल में डाल रक्खा है ।
किसी ने चाय का पानी उबाल रक्खा है ।
Kisi ko rah ne mushkil me daal rakkha hai
Kisi ne chaay ka paani ubaal rakkha hai
किसी को क्लास से बाहर निकाल रक्खा है।
किसी ने सीट पे रूमाल डाल रक्खा है।
Kisi ko class se bahar nikal rakkha hai
Kisi ne seat pe roomaal daal rakkha hai
किसी ने कमरे में बर्बाद कर लिया ख़ुद को,
किसी ने दश्त में अपना ख़याल रक्खा है ।
Kisi ne kamre me barbad kar liya khud ko
Kisi ne dasht me apna khyal rakkha hai
हकीम-ए-शहर के बच्चों को पालने के लिए
हर आदमी ने कोई रोग पाल रक्खा है
Hakeem-e-sheher ke bacchoN ko paalne ke liye
Har aadmi ne koi rog paal rakkha hai
वहां वो चिड़िया भी ख़ुश है ये सोच कर, सैयाद!
कि उसने दुनिया को पिंजरे में डाल रक्खा है ।
Vahan vo chidiya bhi khush hai ye sochkar, sayyad !
Ki usne duniya ko pinjare me daal rakkha hai
ग़ज़ल ही इश्क़ का मैदान है,तो आगे बढ़ो!
यहाँ का मोर्चा हमनें संभाल रक्खा है।
Ghazal hi ishq ka maidaan hai to aage badho
Yahan ka morcha humne sambhaal rakkha hai
- charagh
किसी ने चाय का पानी उबाल रक्खा है ।
Kisi ko rah ne mushkil me daal rakkha hai
Kisi ne chaay ka paani ubaal rakkha hai
किसी को क्लास से बाहर निकाल रक्खा है।
किसी ने सीट पे रूमाल डाल रक्खा है।
Kisi ko class se bahar nikal rakkha hai
Kisi ne seat pe roomaal daal rakkha hai
किसी ने कमरे में बर्बाद कर लिया ख़ुद को,
किसी ने दश्त में अपना ख़याल रक्खा है ।
Kisi ne kamre me barbad kar liya khud ko
Kisi ne dasht me apna khyal rakkha hai
हकीम-ए-शहर के बच्चों को पालने के लिए
हर आदमी ने कोई रोग पाल रक्खा है
Hakeem-e-sheher ke bacchoN ko paalne ke liye
Har aadmi ne koi rog paal rakkha hai
वहां वो चिड़िया भी ख़ुश है ये सोच कर, सैयाद!
कि उसने दुनिया को पिंजरे में डाल रक्खा है ।
Vahan vo chidiya bhi khush hai ye sochkar, sayyad !
Ki usne duniya ko pinjare me daal rakkha hai
ग़ज़ल ही इश्क़ का मैदान है,तो आगे बढ़ो!
यहाँ का मोर्चा हमनें संभाल रक्खा है।
Ghazal hi ishq ka maidaan hai to aage badho
Yahan ka morcha humne sambhaal rakkha hai
- charagh
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