धन औ शोहरत त्यागिये अब दोस्ती इंसान से आओ निभायें।
भूँख से जो हैं हताहत और दुखी आओ गले उनको लगायें।
धर्म जाति के बखेड़े राजनैतिक आपसी मे हैं लड़ाते,
हिन्द पर क़ुर्वान हों सब देशवासी ये तराना गुनगुनायें।
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ओजकवि प्रदीप ध्रुवभोपाली, भोपाल.दिनाँक-15/07/2018,मो.9893677052
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भूँख से जो हैं हताहत और दुखी आओ गले उनको लगायें।
धर्म जाति के बखेड़े राजनैतिक आपसी मे हैं लड़ाते,
हिन्द पर क़ुर्वान हों सब देशवासी ये तराना गुनगुनायें।
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ओजकवि प्रदीप ध्रुवभोपाली, भोपाल.दिनाँक-15/07/2018,मो.9893677052
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जय हिंद
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