हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

मंगलवार, 19 जून 2018

कश्मीर का साढे तीन साल के गठबंधन पर प्रस्तुत कविता - राजेश मिश्र 'प्रयास'

महबूबा मुफ्ती रूठ गयी सरकार वहां की टूट गयी
इतने दिन तक कहर ढहाया कर सैनिक पर बार
आज क्यों टूट गयी सरकार -------
साढे तीन साल तक जमकर सिर फूटे थे सेना के
महबूबा की शाजिस से ही हाथ बधे थे सेना के
काश्मीर की उस वादी में खेल चला सरकारों का
पी डी पी ने जमकर देखो साथ दिया गद्दारों का
आतंकी बुरहान मरा जमकर रोयी    सरकार
आज क्यों--------------------------------------
गोगोई जमकर बरसे थे हिल गये पत्थर बाज सभी
हाथ खुले होते मेजर के मिट जाते गद्दार सभी
औरंगजेब और सिराज बुखारी मार दिये गद्दारों ने
तब जाकर गठबंधन तोडा दिल्ली के दरबारों ने
महबूबा ने हिला के रख दी बी जे पी सरकार 
आज क्यों -----------------------------
तीन सौ सत्तर पैंतीस एक पर बात नहीं क्यों बन पाई
गठबंधन के इस कूकर में दाल नही क्यों गल पायी
हमको जुमले मिले सदा ही सदा दिखाया झांसा है
सत्ता को ही हथियाने की रही सदा परिभाषा है
किस पर करे भरोसा जनता निकले सभी मक्कार
आज क्यों टूट गयी सरकार -------
राजेश मिश्र "प्रयास"
बीसलपुर (पीलीभीत)

1 टिप्पणी:

हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे

भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.