जादूगर सा काम किया है यार तुम्हारी भाभी ने
एक मकां को धाम किया है यार तुम्हारी भाभी ने
दिल छलनी, बेक़ाबू सांसें, घायल नज़रें, चाक जिगर
लगभग क़त्ल-ए-आम किया है यार तुम्हारी भाभी ने
कुछ सूफ़ी तासीर तो पोशीदा है उनकी सोहबत में
मुझको भी ख़ैयाम किया है यार तुम्हारी भाभी ने
दौर-ए-ख़जां में ख़ाक़ हुए इक डाल से बिछड़े किस्से को
गुल-गुलशन-गुलफ़ाम किया है यार तुम्हारी भाभी ने
इतने व्रत-उपवास-अमावस-पूनम सब मेरी ख़ातिर?
पत्थर शालिग्राम किया है यार तुम्हारी भाभी ने
संगतराशी के गुर जा कर उनसे सीखो बुतकारों
मुझ कंकर को श्याम किया है यार तुम्हारी भाभी ने
© Prabudha Saurabh
चित्र :- फेसबुक
bhahut khub
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