आदमी गिर गया अपनी औकात से ।
झूठ भी वोलता अपने माँ-बाप से ।।
आज नांगो से इतना है खतरा नही,
टूट जाता स्वयं अपने हालात से ।।
झूठ ---------
गुरु ने मांगा था जाके अँगूठा स्वयं
जा छला शिष्य सच्चा भी वकवास से
झूठ-------
वो गरूड माता विनता छली क्यों गयी
दासी बनना पड़ा सर्प विश्वास से
झूठ------
शाप जननी ने खुद पुत्रों को दे दिया
सर्प बच न सके करके खुद पाप से
झूठ-----
राजेश मिश्र प्रयास
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