चन्द्रशेखर ,भगत सिंह की
तिरंगा विश्व में पहचान है
तिरंगा छोड़, मैं जाऊँ कहाँ
तिरंगा मेरी जान है।
हिन्दुस्तान तिरंगा की इबादत
यहाँ फिदा आसमान है
फिदाई ने जब फिदा किया
आह निकली क्या महान है।
कलाम हिन्दुत्व के अजीज है
सपनों में उडा़ई , उडा़न है
किशोर अवस्था सोचा ख्वाब
कलाम एक जबान है।
फिगार ने हमको फै़ज किया
इसका हमें अभिमान है
द्रोही का धड़ अन्जाम दिया था
उसका क्या खानदान है।
गाँधी, लाला और नेहरू की
विश्व में पहचान है
तिरंगा छोड़ , मैं जाऊँ कहाँ
तिरंगा मेरी जान है।
© आर्य मोहन राना "अभय"
मथुरा
9458468826
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