सोमवार, 20 अगस्त 2018
सैनिक सीना तान चला !! देखो-देखो अब सिमा पर! सैनिक सीना तान चला!! - धनंजय सिते
!! सैनिक सीना तान चला !!
देखो-देखो अब सिमा पर!
सैनिक सीना तान चला!!
१)माँ कि ममता,आशिश पिता का
भाई का,अभिमान चला!
देखो,देखो.....
२)चिंता रख परिवार कि दिलमे
अश्क लेकर आखो मे चला!
देखो,देखो......
३)माँ भारती को रख दिल मे ले
तिरंगे का सम्मान चला!
देखो,देखो..........
४)ओंझल तक परिवार को देखा
फिरभी हिम्मत बांध चला!
देखो देखो.........
५)वह जागता रहता है सिमा पर
जब गहरि निंद का जोर चला!
देखो देखो ........
६)बनकर सरहद पर दश्मन का
देखो कैसे काल चला!
देखो देखो...........
७)दुश्मन को है मार गिराना
लक्ष जिगर मे पाल चला!
देखो देखो..........
८)प्यार बहन कि राखी का ले
पत्नी का श्रृंगार चला!
देखो देखो.........
९)मातृभुमी के रक्षा कि जीद
लेकर जन-मन गान चला!
देखो देखो...........
१०)देशभक्ती का जुनून है,सोचे
लु दुश्मन कि जान चला!
देखो देखो..........
११)झेल मुसिबत को सरहद पर
चाहे लडते दे दु जाँन चला!
देखो देखो.........
१२)बनकर हिंन्दुस्थानियो कि
देखो कैसे ढाल चला!
देखो देखो......
१३)मातृभूमी को कर दु जिवन
सोच के ये कुर्बान चला!
देखो देखो...........
----------------------------------------
हास्य,व्यंग,ओज,पँरोडि कवि
एवं गितकार-धनंजय सिते(राही)
लोधीखेडा,तह-सौसर जिला-छिंदवाडा(म.प्र.)
Mob-9893415829
Recommended Articles
- देशभक्ति कविता सरोवर
महाराणा प्रताप :- मात्रभूमि पर मिटने वालाMay 09, 2020
मात्रभूमि पर मिटने वाला वीर प्रताप महाराणा था चेतक जिसका घोड़ा चित्तौड़गढ़ का महाराजा था हाथ में जिसके रहता भाला शूरवीर वो मस्त मतवाला था महा प्र...
- आदित्य तोमर
भारत जिसका शौर्य सूर्य है दीप्तिमान सदियों से - आदित्य तोमर Apr 23, 2020
भारत जिसका शौर्य सूर्य है दीप्तिमान सदियों से। झलका जिसका गर्व पहाड़ों से, ममता नदियों से।। कण-कण में छविचित्र राम के, पग पग तीर्थ अटे हैं। जोकि...
- अक्स बदायूँनी ( विकास भारद्वाज )
महाराणा प्रताप भारत का परमवीर बलिदानी - विकास भारद्वाज Apr 23, 2020
महाराणा प्रताप भारत का परमवीर बलिदानी । दुश्मनों को मारा था लेकर नाम जय माँ भवानी ।। चले राणा का चेतक सामने कोई रुक न सका । चली तेज तलवार तो गद...
- देशभक्ति कविता सरोवर
आक्रोश :- फख्र से उठती वर्दी का तुमने सिर गिरवाया हैं - सत्यदेव श्रीवास्तव Apr 22, 2020
.#आक्रोश# फख्र से उठती वर्दी का तुमने सिर गिरवाया हैं वसन सिंह के लेकिन तुम पर गीदड़ का साया हैं सिंहो की टोली में तुम श्रगाल...
Labels:
देशभक्ति कविता सरोवर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं
प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर भेजें.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे
भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400