ऐ अमर वीर बलिदानी भारत के सपूत अंगार लिखो।
तुम मातृभूमि के लिए करो उत्सर्ग और तुम प्यार लिखो।
दुश्मन को कर दो तहस नहस औ धूल चटा दो तुम उनको
दुश्मन के लाखों शीश काट जय महाकाल जयकार लिखो।
जो लहू आग की तरह गर्म न हुआ लहू नहिं पानी है,
तुम महाप्रलय बन टूट पड़ो दुश्मन पे हाहाकार लिखो।
ऐ शूरवीर तुम बनो काल दुश्मन को मृत्यु दो अकाल,
तुम करो वार मरते हजार हो दुश्मन का संहार लिखो।
महाराणाप्रताप का है प्रताप लक्ष्मीबाई का तेज भी है,
बम तोप मिसाइल का गर्जन खूँ की प्यासी तलवार लिखो।
ये भगतसिंह आज़ाद राजगुरु का बलिदान नहीं भूलें,
हो पाक और नापाक कोई अब युद्ध हो आरोपार लिखो।
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प्रदीप ध्रुवभोपाली, म,प्र
भोपाल, दिनाँक-04/08/2018
मो.-09893677052
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