आज भी क़ायम हमारे देश में है राजशाही
हर नगर,हर गाँव में मिल जाएंगे ज़िल्लेइलाही
जितने ख़ालाज़ाद थे पल में इकट्ठे हो गए सब
जब यकीं होने लगा छिन जाएगी अब बादशाही
हड्डियाँ भी जिन बुज़ुर्गों की भजन करने लगी हैं
वो सियासतदां अभी तक चाहते हैं वाहवाही
अस्पतालों में पड़े रोगी मुसलसल चीख़ते हैं
मर गईं संवेदनाएं हो रही खुलकर उगाही
जांच भ्रष्टाचार की जब चाहें तब कर लीजियेगा
सिद्ध कर सकते नहीं ये भ्रष्ट अपनी बेगुनाही
हाथ में हथियार भी हैं और पत्थर खा रहे हैं
हैं विवश कितने हमारे देश के "टिल्लन" सिपाही
ख़ालाज़ाद = मौसेरे भाई
उझानी (बदायूँ)
हर नगर,हर गाँव में मिल जाएंगे ज़िल्लेइलाही
जितने ख़ालाज़ाद थे पल में इकट्ठे हो गए सब
जब यकीं होने लगा छिन जाएगी अब बादशाही
हड्डियाँ भी जिन बुज़ुर्गों की भजन करने लगी हैं
वो सियासतदां अभी तक चाहते हैं वाहवाही
अस्पतालों में पड़े रोगी मुसलसल चीख़ते हैं
मर गईं संवेदनाएं हो रही खुलकर उगाही
जांच भ्रष्टाचार की जब चाहें तब कर लीजियेगा
सिद्ध कर सकते नहीं ये भ्रष्ट अपनी बेगुनाही
हाथ में हथियार भी हैं और पत्थर खा रहे हैं
हैं विवश कितने हमारे देश के "टिल्लन" सिपाही
ख़ालाज़ाद = मौसेरे भाई
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टिल्लन वर्मा (स्रोत: फेसबुक) |
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