मंगलवार, 14 अगस्त 2018
माँ प्यारी, माँ कितनी प्यारी, माँ जग की तू है उजियारी - मोहन राना
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हमसफ़र ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अपना हाथ तेरे हाथ में दें रही थाम तो लोगे न? मजबूती से पकड़ कर रखोगे साथ छोड़ोगे तो नहीं न...
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भीड़ लगी मधुशाला मेंMay 05, 2020
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चुनाव का मौसम आया,नेताजी ने बुज़ुर्गो के पाँव छुए।और विजयश्री मिलते ही पाँच बरस को ईद के चाँद हुए।फिर क्या...ग़ुमशुदा नेता की तलाश में जनता ने जगह जगह इ...
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हास्य रचना/आग किसने लगाई - प्रदीप ध्रुव Apr 14, 2020
तुम शेर..हम..सवाशेर..गुलमटो..ये आग किसने लगाई..मै ने और मिश्रीलाल ने....सालो को घोल घोल के ऐसा पिलाया..अरे.हमने.तो कान में फुसफुसायाहम हैं न..लगे रहो ...
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