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सोमवार, 9 मार्च 2020

मौत के आने तक हर क़दम

रचना प्रकाशन हेतु प्रमाण पत्र
To,
    सम्पादक महोदय
     हिंदी साहित्य वैभव पत्रिका

श्रीमान जी,
       सविनय निवेदन यह है कि मेरी यह रचना(ग़ज़ल) नितांत मौलिक,अप्रकाशित और अप्रसारित है और मैं इसके प्रकाशन हिंदी साहित्य वैभव पत्रिका को देता हूँ!आशा है मेरी इस रचना का यथासम्भव उपयोग आपकी पत्रिका में हो सकेगा
      धन्यवाद
    भवदीय
बलजीत सिंह बेनाम
सम्प्रति:संगीत अध्यापक
उपलब्धियाँ:विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित
आकाशवाणी हिसार और रोहतक से काव्य पाठ
सम्पर्क सूत्र:103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी
हाँसी:125033
मोबाईल:9996266210

ग़ज़ल
मैंने पहले न देखी कभी
या ख़ुदा इस क़दर सादगी

रोशनी में छुपी तीरगी
तीरगी में छुपी रोशनी

पेट भर तुम भी खाओ मियाँ
शायरी शायरी शायरी

मौत के आने तक हर क़दम
ज़िन्दगी है लहू चूसती

राज़ तुम हो छुपाते अगर
लो ज़ुबाँ हमने भी अपनी सी
 

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