रचना प्रकाशन हेतु प्रमाण पत्र
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
हिंदी साहित्य वैभव पत्रिका
सविनय निवेदन यह है कि मेरी यह रचना(ग़ज़ल) नितांत मौलिक,अप्रकाशित और अप्रसारित है और मैं इसके प्रकाशन का अधिकार हिंदी साहित्य वैभव पत्रिका को देता हूँ!आशा है मेरी इस ग़ज़ल का यथासम्भव उपयोग आपकी पत्रिका में हो सकेगा!
धन्यवाद
भवदीय
बलजीत सिंह बेनाम
जन्म तिथि:23/5/1983
शिक्षा:स्नातक
सम्प्रति:संगीत अध्यापक
उपलब्धियाँ:विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित
आकाशवाणी हिसार और रोहतक से काव्य पाठ
सम्पर्क सूत्र:103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी
हाँसी
मोबाईल:9996266210
ग़ज़ल
मुझे ग़म से निभाना गर नहीं आता
ख़ुशी का ज़िंदगी भर दर नहीं आता
जिसे मंज़िल को पाने का जुनूँ हो
सफ़र से लौट कर वो घर नहीं आता
हिमायत तू जो करता ज़ालिमों की
कभी इल्ज़ाम तेरे सर नहीं आता
सभी से पूछता है हाल ए दिलबर
मगर ख़ुद जा तसल्ली कर नहीं आता
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