मेरे जज़्बातों की डायरी
कह देती हूं, कोई किस्सा ,
या फिर कोई कहानी हो।
या फिर एहसासों से जुड़ी,
कोई बात या याद पुरानी हो।
वो मेरे एहसासों की पावन सी डायरी,
वो मेरे जज़्बातों की पावन सी डायरी।
भरती हूं मैं, बहुत से रंग सुहाने उसमें,
जिंदगी के मेरे, कुछ ढंग सुहाने उसमें।
आंसू , खुशियां,नाराज़गियां, इन्द्रधनुष
रंग हैं फैले से,अनसुने, मनमाने उसमें।
वो मेरे एहसासों की पावन सी डायरी,
वो मेरे जज़्बातों की पावन सी डायरी।
तुम पढ़ना उसे,मेरे मर जाने के बाद,
तुम समझना उसे, मेरे मर जाने के बाद।
सब कहेगी, चुप ना रहेगी,जीवंत होंगे राज़,
मैं ना रहूंगी,होगी वो डायरी मेरे मरने के बाद।
वो मेरे एहसासों की पावन सी डायरी,
वो मेरे जज़्बातों की पावन सी डायरी।
प्रेम भी होगा,विरह मिलन संगीत भी होगा,
सगे संबंधी साथी होंगे, तुम ओ मैं में हम होगा।
कुछ कसमें कुछ रस्में, भूलें भी कुछ यादें भी ,
चुप्पियां भी रहेंगी, मौन कहीं संवाद भी होगा।
वो मेरे एहसासों की पावन सी डायरी,
वो मेरे जज़्बातों की पावन सी डायरी।
प्रीत मीत संगीत भी होगा,
सत्य वहां भयभीत भी होगा।
तुम ओ मैं के सिवा ना पढ़ना,
मेरे क्षुब्ध जज़्बातों को पढ़ना।
वो मेरे एहसासों की पावन सी डायरी,
वो मेरे जज़्बातों की पावन सी डायरी।
नफ़रत प्रेम से कुछ बढ़कर होगा,
चयनित, व्यथित कुछ हटकर होगा।
करीब,दूर से भी ऊपर, रिश्ता रब जैसा,
ज़माने, दुनिया की रीत से कटकर होगा।
वो मेरे एहसासों की पावन सी डायरी,
वो मेरे जज़्बातों की पावन सी डायरी।
कौशल बंधना पंजाबी।
नंगल डैम।
पंजाब।
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