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सोमवार, 4 मई 2020

कोरोना से मुक्ति की आशा

हर रोज सोचती हूं
ये संकट टल जाएगा,
देश मेरा फिर से
हर रोज़ गति पाएगा।
संदेसा कोई सुखद,
किसी ओर से चला आएगा।
चेहरा हर एक प्राणी का,
खुशी से खिल जाएगा।
हार नहीं है मानी,
जीत हम जाएंगे,
हम सभी एक हैं,
विजयगान गाएंगे।
सूर्य फिर आशा का,
यूं ही फिर चमकेगा।
माथा मेरे भारत का,
फिर यूं ही दमकेगा।
मान सम्मान व गौरव,
फिर से वही होगा,
भारत मेरा फिर से,
सोने की चिड़िया होगा।

कौशल बंधना पंजाबी।
नंगल डैम पंजाब
11.06 pm
9april2020 Thursday

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