सच्ची प्रेम कहानी।(लघुकथा)
प्रेम कहानियां तो असल जिंदगी में बहुत देखीं मगर वो प्रेम कहानी कुछ अलग ही थी,ममता और कमल एक साथ बड़े हुए। बचपन की दोस्ती कब कैसे प्यार में बदल गई थी शायद उनको भी ना पता चला।हर वक्त ममता की जुबान पर कमल का ही नाम रहता। बहुत सुंदर थी वो अगर कोई लड़का परपोज़ कर भी देता तो बोलती भाई बन जाओ राखी बांध दूंगी पर ममता तो सिर्फ कमल की है।
पढ़ने में भी बहुत मेधावी छात्रा धी।पिता रोडवेज में नौकरी करते थे।मां घरेलू महिला थी।ममता की पांच बहनें थीं।ये बात दोनों के घर वालों को पता थी।पर पिता खिलाफ थे।सपने बहुत संजोए थे दोनों ने।वो कमल का फूल बनाती और बीच में अपना नाम लिखती ममता।मगर शायद यह खुशियां कम समय की मेहमान थीं और ईश्वर को भी उनका रिश्ता मंजूर ना था। सुबह कालेज जाने के लिए कमल ने स्कूटर उठाया अपने ही ध्यान में था वो पास खड़ा एक ट्रक तेजी से पीछे हटा और सब खत्म,ऊपर के रूम की खिड़की से यह देख भागी ममता,कमल को खून से लथपथ देख बेहोश हो गई। यहीं अंत हो गया उस प्रेम कहानी का मगर कमल आज भी कहीं जिंदा है उसकी यादों में। वह शादी के खिलाफ थी मगर लड़की थी कहां चली।पर उसने अपने होने वाले पती को सब बात बताई।और कहा कि मैं उसको कभी भुला नहीं पाऊंगी।
आज वह पती और दो बच्चों के साथ फोरन में है।कमल आज भी उसके दिल में जिंदा है।
कौशल बंधना पंजाबी।
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