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सोमवार, 4 मई 2020

तवायफ किसने बनाया उसको।

तवायफ किसने बनाया उसको,
घुंघरू किसने पहनाया उसको।

बिठाकर कोठे पर उसको,
 खुद को मर्द कहते हो।
पहनाकर पांव में घुंघरू,
उसका दर्द कहते हो।

तवायफ किसने बनाया उसको,
घुंघरू किसने पहनाया उसको।

जाते हो कलियां मसलने,
कलियां हाथ में लेकर।
बहुत खुश फिर होते हो,
किसी को दर्द तुम देकर।

तवायफ किसने बनाया उसको,
घुंघरू किसने पहनाया उसको।

तवायफ वो नहीं तुम दल्ले,
तबाही पर किसी की मचले।
मारकर किसी की रूह को,
करते हो सड़कों पर हल्ले।

तवायफ किसने बनाया उसको,
घुंघरू किसने पहनाया उसको।

खुदा से डर, किसी से इश्क ,
ना हो जाए, कहीं तुमको।
उसी कोठे पर मिल जाए,
जिसने चाहा हो तुमको।

तवायफ किसने बनाया उसको,
घुंघरू किसने पहनाया उसको।

जहां तुमने बेचा, किसी को।
रोज देखें,फिर सोचे,तू रोए,
सजा कैसी,क्यों मिली‌ तुमको,
आंसू आंए ना कुछ कर पाए।

तवायफ किसने बनाया उसको,
घुंघरू किसने पहनाया उसको।

घर की रोशनी सोचना,इस क़दर,
कोठे पर जाकर मिली किस कदर।
उजाड़ा था किसी को कभी तुमने,
उजड़े कदम, कोई हुआ था दर बदर।

तवायफ किसने बनाया उसको,
घुंघरू किसने पहनाया उसको।

कौशल बंधना पंजाबी।
नंगल डैम
पंजाब।

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