सदियों से पहाडो के बीच बहती हुई,
शांत, सहनशील नदी के सुन्दर नजारे ।
दूर आसमां में छटा बिखेरता चाँद,
फिजा का प्यारा सुहावना रंगीन मौसम ।।
आसमान में टिके हुये चाँद-सितारे,
उस पर सफ़ेद बादलों के नजारे ।
बगुला रखता मछली पर ध्यान,
मनमोहक सा फुहार का मौसम ।।
चहचहाती चिडियाँ,फूलों पर तितली रानी,
मेढक-टिड्डे उछले,बोले कोयल मधुर बाणी ।
चंचल-ए-ठण्डी हवाऐं दिल छू जाये,
खुबसूरत झरना सबके मन को भाये ।।
नदी पर पनहारिन की बातें,पनघट के किनारे,
सुहाने मौसम की सौगातें,झरने के पुरनूर धारे।
काश...तुम साथ होती नदी के किनारे,
साथ बैठ करते मस्ती नदी के किनारे ।।
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
8/01/2017 Sunday
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