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रविवार, 5 मार्च 2017

गीत गजल के सुर की जान तिरंगा

हर घर मे देशभक्ति की अलख जगाना है
वतन पर लहू का हर कतरा बहाना है ।
अब सबको एक द्रढ-संकल्प लेना है
भ्रस्टाचार को हिन्दूस्तान से मिटाना है ।।

इस बार मतदान से अच्छा नेता लाना है
कोई अच्छा ना लगे,नोटा का बटन दबाना है।
देश के गद्दरो पर चोट कर मुल्क बचाना है
कुछ कर भारत का विश्व मे सम्मान बढ़ाना है

देश के वीर जवानो ने कफन तिरंगा बनाया है
इस तिरंगे की शान पर पल-पल मर जाना है।
चट्टानो से अडिग हौसलें सबको बनाना है
गीत गजल के सुर की जान तिरंगा बनाना है

©विकास भारद्वाज "सुदीप"
Mob.-9627193400
26 जनवरी 2017

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