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रविवार, 5 मार्च 2017

नेह दिवस/पावन-प्रीत/देश-प्रेम/मातृ-पितृ दिवस

१४ फरवरी
विषय-

हर प्राणी अपनी जन्मभूमि से जुड़ा होता है। वह उससे अलग अपने अस्तिव को पूर्ण नहीं मानता। मनुष्य कहीं भी चला जाये, विदेशों में उसे कितनी ही सुख मिले, वह वापस अपने देश आना चाहता है। वह अपना देश, अपनी संस्कृति कभी नहीं भूलता।

मनुष्य की तरह ही पशु पक्षी भी अपनी प्रेम-पावन के स्नेह बंधन एवं आकर्षण में बंधे होते हैं। पक्षी या पशु सारा दिन दाना पानी की खोज में यहाँ वहाँ घूमते जरूर हैं, पर रात को पक्षी अपने घोंसलों और पशु अपने खूँटें पर पहुँच जाते हैं

इतिहास देशभक्तों के बलिदान की गाथाओं से भरा पड़ा है। सभी देशों में देशप्रेमियों को सम्मान और स्नेह मिलता है। हमारे देश के कवियों और साहित्यकारों ने शहीदों और देश पर मर मिटने वाले देशभक्तों की अमर गाथाओं को जी खोल कर लिखा है।
भारत ने इन्टरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण कर दुश्मन को प्रेम का संदेश दिया है,
देशभक्ति के उदाहरण केवल ये शहीद ही नहीं हैं। देश का नाम सारे विश्व में रोशन करने वाले वैज्ञानिक, खिलाड़ी, कवि और लेखक भी महान देशभक्तों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे समाज सुधारकों, कलाकारों और समाज सेवकों के कार्यों से इतिहास भरा पड़ा है जिन्होंने देश की उन्नति के लिये अपना सार जीवन लगा दिया। देशवासी उन्हें शत शत प्रणाम करते हैं। देश उनका सदैव ऋणी रहेगा।
मेरा गुलाब🌹उन शहीदों के लिये है
जिन्होंने देश के लिये जान दी..
उस दिन किस डे मनाया जा रहा था...
ऐ काश के लोग उन बच्चो के सिर को चूमते
जिनके सर पे हाथ फेरने वाला भी कोई नही
एक लड़की ने क्या खूब कहा है,
*मैं जब अपनी आँखें झुका कर चलती हुँ तो मेरे पिता और मेरा भाई सर उठा कर चलते है.....*
हम सब का परम कर्तव्य है कि अपने समाज मे प्रेम भाव से रहे एवं ईमानदारी से कार्यों का निरवाहन करें

✍ विकास भारद्वाज "सुदीप"
     खितौरा (बदायूँ)

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