हिंदी साहित्य वैभव

EMAIL.- Vikasbhardwaj3400.1234@blogger.com

Breaking

रविवार, 15 जनवरी 2017

♡ अदभुत एहसासों के मोती ♡

जो बिखरे तो फ़िर मुद्दतों बिखरे ही रहे हम,
माला के वो अदभुत मोती,मिले ही नही हमें  ।
दिल की हकीकत के मोतीयों से बने हुए है हम, 
उसके रूखसार पे तिल देख फिदा हुए है हम।।
उसकी कातिल नजरों से घायल होने लगे हम,
चाँद से चेहरे से महफिल में गजब नूर ढहा रहे है ।
रातों में ख्वाबों की दुनिया में हक़ीक़त सी निराली है,
सुना है प्यार की वो खूश्बू अजब सी नियारी  है ।।
मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में अब रोया करेंगे हम ।
आँखो में आंसू छलक सतायेंगे रात भर,
एहसासों के मोती पलक पे पिरोया करेंगे हम ।।
अर्णव=दरिया
©विकास भारद्वाज "सुदीप"
9627193400                  14/01/2017

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हिंदी साहित्य वैभव पर आने के लिए धन्यवाद । अगर आपको यह post पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर कीजिये और comments करके बताये की आपको यह कैसा लगा और हमारे आने वाले आर्टिक्ल को पाने के लिए फ्री मे subscribe करे
अगर आपके पास हमारे ब्लॉग या ब्लॉग पोस्ट से संबंधित कोई भी समस्या है तो कृपया अवगत करायें ।
अपनी कविता, गज़लें, कहानी, जीवनी, अपनी छवि या नाम के साथ हमारे मेल या वाटसअप नं. पर भेजें, हम आपकी पढ़ने की सामग्री के लिए प्रकाशित करेंगे

भेजें: - Aksbadauni@gmail.com
वाटसअप न. - 9627193400

विशिष्ट पोस्ट

सूचना :- रचनायें आमंत्रित हैं

प्रिय साहित्यकार मित्रों , आप अपनी रचनाएँ हमारे व्हाट्सएप नंबर 9627193400 पर न भेजकर ईमेल- Aksbadauni@gmail.com पर  भेजें.